2014 में जबसे मोदी सरकार केंद्र में आई है, तब से भारतीय सेना की सुदृढ़ता सरकार के सबसे महत्वपूर्ण एजेंडे में शामिल रही है। बीते 5 सालों में भारतीय सेना को अत्याधुनिक और सबसे मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गये हैं, जिससे भारतीय सेना विश्व की सबसे शक्तिशाली सैन्य शक्तियों में अपनी अग्रणी पहचान बना रही है। आइए देखते हैं वे कदम जो भारतीय सेना को बना देंगे अत्याधुनिक:-
होवित्ज़र तोपों के आगे नहीं टिकेंगे दुश्मन
1. मेक इन इंडिया के तहत भारतीय सेना के लिए में लार्सन एंड टर्बो द्वारा के-9 वज्रा-टी 155MM सेल्फ-प्रोपेल्ड होविट्ज़र बनाई गई। 10 के-9 वज्रा पहले से ही सेना को दे दी गईं हैं और 90 अगले 22 महीनों में दी जाएँगी। कुछ हफ्ते पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने लार्सन एंड टर्बो के गुजरात के हाज़िरा में स्तिथ Armoured Systems Complex (ASC) का उद्घाटन किया। ASC एक अत्याधुनिक परिसर है जहाँ के 9 होविट्ज़र, इन्फेंट्री के लिए लड़ाकू वाहन, युद्ध टैंक जैसे हथियार बनाने के काम आएगा।
वहीं पाकिस्तान को अमेरिका से 115 M109A5 होविट्ज़र 2009 में ही मिल गई थी, जबकि कांग्रेस सरकार को कई बार बोलने पर भी सरकार ने सेना की इस ज़रूरत को पूरा करने के बारे में नहीं सोचा। किन्तु मोदी सरकार आने के बाद भारत की सेना को यह बंदूकें दिलाने की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई थी।
– मोदी ने के9 होवित्जर तोप निर्माण इकाई का उद्घाटन किया
– दुश्मन को पलभर में तहस-नहस कर देगा होवित्जर K9 वज्र टैंक, जानिए इसकी शानदार खूबियाँ
2. अमेरिका में बनी M777 होवित्ज़र तोप इस वर्ष मार्च से आर्मी को मिलनी शुरू हो जाएगी। ऐसी 145 होवित्ज़र्स के लिए भारत और अमेरिका के बीच नवंबर 2016 में हुआ था जिसमें से पहली पांच होवित्ज़र, प्रशिक्षण के लिए पहले ही भारत आ चुकी हैं। ऐसी पहली पच्चीस होवित्ज़र रेडी-टू-यूज़ आएँगी और बाकि भारत में ही महिंद्रा डिफेन्स में जोड़ कर तैयार की जायेंगी। यह तीन दशकों में भारतीय सेना में शामिल की जाने वाली पहली फील्ड गन्स हैं। इन तोपों को लेने का प्रस्ताव 2010 में आया था पर कांग्रेस सरकार के लचर रवैय्ये की वजह से यह प्रस्ताव ठण्डे बस्ते में चला गया था।
– सेना को 30 साल बाद मिली नई तोपें, M777 होवित्ज़र और K9 वज्र बेड़े में शामिल
फिर मई 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद इन तोपों को लाने की प्रक्रिया फिर से शुरू की गई थी पर UPA के समय हुई ढील की वजह से इन तोपों की कीमत बढ़ चुकी थी। इस सौदे पर मोदी सरकार ने फिर से काम किया और मेक इन इंडिया के तहत इनमें से अधिकतर तोपों को भारत में जोड़ने का प्रावधान रखा गया। सिर्फ इतना ही नहीं इन तोपों में भारत में बना बारूद प्रयोग किया जाएगा।
अत्याधुनिक हेलिकॉप्टरों की जद में आसमान
3. इन बंदूकों का इस्तेमाल भारत चीन की सीमा पर किया जाएगा और इन्हे बोइंग CH-47 चिनूक हैविलिफ्ट हेलीकाप्टर द्वारा वहाँ ले जाया जाएगा। ऐसी 15 चिनूक और 12 बोइंग AH-64 अपाचे अटैक हेलीकाप्टर का सौदा पिछले वर्ष जुलाई में किया गया था। इस साल मार्च से यह भारतीय सेना को मिलने शुरू भी हो जाएंगे। यह हेलीकॉप्टर भारतीय सेना के लिए गेम चेंजर साबित होंगे जिसे अभी तक पुराने रशियन Mi-17 मध्यम लिफ्ट हेलीकाप्टर और Mi-26 हेलीकाप्टर पर निर्भर रहना पड़ता है। फिलहाल भारत के पास अब तक अटैक हेलीकाप्टर के नाम पर सिर्फ Mi-35 हेलीकाप्टर ही थे। इन हेलीकाप्टर के तीन अरब डॉलर के सौदे में ओफ़्सेट का प्रावधान भी है जो भारत के रक्षा क्षेत्र में एक अरब का व्यापार लेकर आएगा।
– कई गुना बढ़ जाएगी भारतीय सेना की ताकत, भारत आ रहे हैं चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर
– भारत में बनेगी अमेरिकी सेना के अपाचे हेलीकॉप्टर की बॉडी
बोइंग के इस सौदे को भी UPA ने 2005 से आठ साल तक खींच कर 2013 में ठप्प कर दिया था, यह जानने के बाद भी की भारतीय सेना को इनकी कितनी ज़रुरत थी। अंततः मोदी सरकार ने इस सौदे को अंजाम दिया। साथ की सेना के अनुरोध पर छः अधिक अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टर भी खरीदे। इन सब के साथ ही भारत को 22 Apache AH 64D Longbow हेलीकाप्टर भी मिलने वाले हैं जो एडवांस्ड मल्टी-रोल कॉम्बैट हेलीकाप्टर हैं । इनके ज्यादातर पुर्जे भारत की कंपनियां ही बनाएंगी।
हर दिशा अचूक निशाने वाली मिसाइलों की नजर में
4. मोदी सरकार की वजह से कई सालों के इन्तज़ार के बाद अब एडवांस्ड मध्यम रेंज सरफेस-टू-एयर (MRSAM) मिसाइल भी मिलने वाले हैं। पिछले वर्ष जनवरी में ही भारत ने इजराइल के साथ इन मिसाइल का सौदा किया था। यह मिसाइल बैलिस्टिक मिसाइल, फाइटर जेट, ड्रोन, सर्वेलन्स एयरक्राफ्ट इत्यादि को मार गिराने में सक्षम हैं। मई 2015 में भारत में बनी सुपरसोनिक सरफेस-टू-एयर मिसाइल आकाश भारतीय सेना में शामिल की गईं। यह मिसाइल दुश्मनों के हेलीकाप्टर, एयरक्राफ्ट आदि को 25 किलोमीटर की रेंज से निशाना बनाने में सक्षम हैं।
– भारत ने जमीन से हवा में मार करने वाले आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण किया
5. पिछले वर्ष मोदी सरकार ने भारतीय नौसेना के लिए लॉन्ग रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (LRSAM) और एयर एंड मिसाइल डिफेन्स सिस्टम्स भारत में बनाने के लिए इजराइल के साथ 777 मिलियन डॉलर का सौदा भी किया। यह LRSAM बराक 8 का ही एक हिस्सा है जिसे पहले ही भारतीय सेना में शामिल किया जा चुका है। यह LRSAM DRDO इजराइल के साथ साझेदारी में बना रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया अभियान की सफलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
–
– दिल्ली को मिलेगा मॉस्को और लंदन जैसा रक्षा कवच, 70 अरब रुपये का आएगा खर्च
6. अमेरिका द्वारा प्रतिबंधों की चिंता ना करते हुए भी कुछ महीनों पहले भारत ने S-400 ट्रायम्फ मिसाइल सिस्टम के लिए समझौता किया। हार मानकर अमेरिका को भी भारत को छूट देनी पड़ी। यह खतरा मोदी सरकार ने सिर्फ इसलिए मोल लिया ताकि भारतीय वायु सेना की घटती स्क्वाड्रन क्षमता को बढ़ाया जा सके।
इस बात को समझना ज़रूरी है की UPA सरकार के दौरान ना सिर्फ वायु सेना की गिरती स्क्वाड्रन क्षमता पर कोई भी ध्यान दिया गया बल्कि भारत की कमज़ोर राडार नेटवर्क रेंज को भी नज़रअंदाज़ किया गया। पर अब मोदी सरकार के तमाम हेलीकाप्टर, मिसाइल, और एयर डिफेन्स सिस्टम की खरीद की वजह से भारतीय सैन्य क्षमता में UPA सरकार के दौरान आ गई खामियों को भी जल्द ही हटा दिया जाएगा।
– भारतीय के लिए क्यों अहम है S-400 मिसाइल डील, अमेरिकी धमकी को भी कर दिया नजरअंदाज
– Five Things You Should Know About Indo-Russia S-400 Deal
समुद्र के ऊपर पहरा और नीचे सबमरीन हमले को तैयार
7. UPA सरकार ने भारत की वायु सेना के अथक अनुरोध के बाद भी बोइंग गश्ती विमान P-8 पोसीडॉन सबमरीन विरोधी सर्विलांस एयरक्राफ्ट नहीं खरीदे थे जबकि मोदी सरकार ने 2016 में ही ऐसे चार एयरक्राफ्ट के अर्जेंट खरीद का आर्डर दे दिया था जो अब नौसेना को मिल चुके हैं। यह एयरक्राफ्ट भारतीय वायु सेना (नौसेना) के लिए बहुत कारगर साबित होंगे। मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुवात में ही सात स्टेल्थ फ़्रिगेट और छः न्यूक्लिअर चालित सबमरीन के निर्माण को हरी झंडी दिखा दी थी। इससे हिन्द महासागर क्षेत्र में भारत की नौसैनिक सैन्य क्षमता और प्रबल होगी।
लंबे इंतजार के बाद सितम्बर 2017 को भारतीय नौसेना को पहली स्कॉर्पीन पनडुब्बी, INS कलावरी भी सौंप दिया गया। दुनिया की सबसे घातक पनडुब्बी में से एक माने जाने वाली आईएनएस कलवारी के मिलने से नौ सेना की समुद्र में ताकत बढ़ जाएगी। केंद्र सरकार ने ऐसी 5 और पनडुब्बियों को नौ सेना में शामिल करने का फैसला किया जिनमें दो और पनडुब्बियों ‘खंडेरी’ और ‘करंज’ का परीक्षण अभी जारी है।
– भारतीय नौसेना को मिला दूसरा पी-8आई गश्ती विमान
– छह सबमरीन और 5000 मिलन 2टी एंटी टैंक के लिए रक्षा परिषद की मंजूरी
– भारतीय नौसेना को मिली दुनिया की सबसे घातक सबमरीन, नाम है INS कलावरी
– 40,000 करोड़ की 6 सबमरीन और 5,000 मिलन 2T एंटी-टैंक के लिए रक्षा मंत्रालय से मिली अनुमति
8. पिछले साल अक्टूबर में ही भारत ने रूस के साथ एक करार किया जिसके चलते भारत को दो क्रिवक III-class स्टेल्थ फ़्रिगेट मिलेंगे। अक्टूबर 2016 में भी भारत और रूस के बीच ऐसी चार फ़्रिगेट के लिए एक करार साइन हुआ था जिसके टेक्नोलॉजी ट्रांसफर प्रावधान के चलते इनमे से दो फ़्रिगेट भारत में ही बनेंगे।
स्पेशल रिपोर्ट: भारत को मिला 2 रूसी स्टील्थ फ्रिगेट बनाने का सौदा
09. हाल ही में सरकार ने मेक इन इंडिया के अंतर्गत छः प्रोजेक्ट 75 (I) सबमरीन भारत में बनाने का फैसला लिया है. साथ ही यह फैसला भी लिया है की भारतीय सेना के लिए तकरीबन 5000 मिलान एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें मंगाईं जाएँगी।
– एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का दूसरी बार सफल परीक्षण, जानिए इसकी खासियत
वायुसेना को अजेय बना देगा राफेल विमानों का एतिहासिक सौदा
10. इस सबके साथ ही मोदी सरकार ने सितम्बर 2016 में फ्रांस के साथ राफेल समझौता किया. यह समझौता UPA के कार्यकाल में दस साल तक लटका रहा और फिर उन्होंने यह कह के डील पूरी नहीं की ‘की विमानों के लिए पैसे नहीं हैं’। पर मोदी सरकार ने भारतीय वायुसेना की ज़रूरत को समझा और तुरंत 36 राफेल विमानों का आर्डर दिया।
– जानिए, क्या है राफेल की वो 10 खासियत जिनसे वायुसेना को मिलेगी ताकत
– जानिए दुश्मन के छक्के छुड़ाने वाले ‘राफेल विमान’ की खासियत, धोखा देने में है माहिर
– राफेल के आने से पड़ोसी देशों में बढ़ेगी भारत की धाक, जानें इसकी खासियतें
– Rafale Deal Controversy: Things You Should Know
11. मोदी सरकार ने मिलिट्री के आवागमन के लिए भी तुरंत C-130J ‘सुपर हरक्युलस’ और C-17 ग्लोबमास्टर III विमानों को सेना में शामिल करने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है।
सैनिकों के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट्स, हेलमेट से लेकर बर्फ की मार झेलने वाले कपड़े
12. नौ साल के बेहद लम्बे इंतज़ार के बाद भारतीय सेना को बुलेट-प्रूफ जैकेट भी मिलने शुरू हो गए हैं। इन 1.86 लाख जैकेटों के लिए सरकार ने पिछले साल ही एक प्राइवेट कंपनी SMPP प्राइवेट लिमिटेड से 639 करोड़ रुपये की डील साइन करी थी। दो दशकों के इंतज़ार के बाद अब आर्मी को मोदी सरकार के प्रयासों के कारण बुलेटप्रूफ हेलमेट भी मिलने लगें हैं। यह हेलमेट भी भारत में ही कानपूर की एक प्राइवेट कंपनी बना रही है। UPA की सरकार ने सेना की काफी अनुरोध के बाद भी यह हेलमेट और जैकेट मुहैय्या करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया था।
– सेना के जवानों को मिलेंगे 1.86 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट्स
13. इन सब यंत्रों और हथियारों के अलावा भी मोदी सरकार ने भारतीय कंपनियों के साथ सेना के लिए अत्यधिक बर्फीले मौसम के लिए अनुकूल कपड़े बनवाने की डील साइन की है। साथ ही सेना को विषम परिस्तिथि में रखने के लिए पुख्ता इंतज़ाम और सेना के लिए पौष्टिक भोजन सामग्री तैयार करने की ज़िम्मेदारी मोदी सरकार ने DRDO को दी है।
– अब मौसम की मार से बचाया जा सकेगा सियाचिन में सैनिकों को
भारतीय सेना को मिलेंगी सबसे उम्दा बंदूकें
14. मोदी सरकार भारतीय सेना को 72,000 सिग सौर सिग-716 राइफल दिलाने के प्रयासों में लगी हुई है। हर बार की तरह ही UPA सरकार ने सेना की इस मांग को भी खारिज कर दिया था।
15. मोदी सरकार भारतीय सेना को इटली की 338 लपूआ मैग्नम स्कार्पियो तगत और अमेरिका की .50 कैलिबर M95 बंदूकें भी दिला रही है। जल्द ही सेना को भारत में बनी हुई ‘धनुष’ आर्टिलरी बंदूकें भी मिलने वाली हैं।
यह भी पढ़ें,
पिछले पांच साल में केंद्र सरकार ने किए हैं ये 13 बड़े काम
क्या आपको पता हैं देश के विकास के ये 16 बड़े प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री मोदी के विदेश दौरों से क्या मिला देश को?
मोदी सरकार की मुद्रा योजना का कैसे उठाएं लाभ?
India’s Defence Budget: Where It Stands In The World
Russia offers Defence Technology to India Without Any Strings Attached
Nirmala Sitharaman Really Accept Beheading of Pak Soldiers?
DAC Approves Procurement of Six Next Generation Offshore Patrol Vessels
उपरोक्त लेख आदरणीय लेखक की निजी अभिव्यक्ति है एवं लेख में दिए गए विचारों, तथ्यों एवं उनके स्त्रोत की प्रामाणिकता सिद्ध करने हेतु The Analyst उत्तरदायी नहीं है।
nice post good information